- 28 May 2025
हाइपोस्पेडियास सर्जरी: कारण, उम्र, इलाज और सही समाधान
हाइपोस्पेडियास (Hypospadias) एक जन्मजात विकृति है, जिसमें पुरुष बच्चे के लिंग का मूत्रमार्ग
(urethral opening) सामान्य स्थिति यानी लिंग के सिरे (tip) की जगह नीचे की ओर या लिंग के बीच या
जड़ पर खुलता है। यह स्थिति ना सिर्फ पेशाब करने में दिक्कत पैदा कर सकती है, बल्कि भविष्य में यौन
जीवन और मानसिक विकास पर भी प्रभाव डाल सकती है।
भारत के प्रमुख राज्यों जैसे दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में अब
हाइपोस्पेडियास सर्जरी के लिए आधुनिक और विशेषज्ञ सुविधाएं उपलब्ध हैं।
हाइपोस्पेडियास सर्जरी क्या है?
हाइपोस्पेडियास सर्जरी, जिसे यूरीथ्रोप्लास्टी (urethroplasty) भी कहा जाता है, एक पुनर्निर्माण प्रक्रिया
है जिसमें:
मूत्रमार्ग को सही स्थिति में लाया जाता है,
लिंग की वक्रता (chordee) को ठीक किया जाता है,
और सामान्य दिखने वाला लिंग पुनर्निर्मित किया जाता है।
हाइपोस्पेडियास सर्जरी कौन करता है?
हाइपोस्पेडियास सर्जरी एक विशेष प्रकार की प्रक्रिया है जिसे केवल पेडियाट्रिक यूरोलॉजिस्ट या
रिकंस्ट्रक्टिव यूरोलॉजी में प्रशिक्षित यूरोलॉजिस्ट ही करते हैं।
यूरेथ्रा और पेनाइल सर्जरी, दिल्ली
दिल्ली में कई अनुभवी यूरोलॉजिस्ट और सर्जन हैं जो यूरेथ्रा (मूत्रमार्ग) व पेनिस से जुड़ी जटिल बीमारियों
और समस्याओं का सफल इलाज करते हैं। SCI हॉस्पिटल जैसे प्रमुख केंद्रों पर इन सर्जरी में अत्यधिक
विशेषज्ञता उपलब्ध है:
✔️ यूरेथ्रा सर्जरी:
यूरीथ्रल स्ट्रिक्चर (Urethral Stricture) का इलाज
बुल्क इंजेक्शन थेरेपी
रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी
पेरिनियल यूरेथ्रोप्लास्टी
हाइपोस्पेडियास सर्जरी
✔️ पेनाइल सर्जरी:
पेनाइल इम्प्लांट (Inflatable, Semi-rigid)
Peyronie’s Disease सर्जरी
पेनाइल रीशेपिंग और रीकंस्ट्रक्शन
कॉस्मेटिक पेनाइल सर्जरी
शिशुओं में हाइपोस्पेडियास सर्जरी
आदर्श उम्र:
6 से 18 महीने की उम्र में सर्जरी करना सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस उम्र में:
बच्चा होश में नहीं होता, जिससे मानसिक प्रभाव नहीं होता,
ऊतक (tissue) को आसानी से मोड़ा और जोड़ा जा सकता है,
रिकवरी जल्दी और बेहतर होती है।
यदि समय पर इलाज न हो तो:
पेशाब करने में दिक्कत हो सकती है (नीचे की ओर धारा)
भविष्य में यौन क्रियाओं में कठिनाई
आत्म-विश्वास की कमी और मानसिक तनाव
वयस्कों में हाइपोस्पेडियास सर्जरी
हालांकि हाइपोस्पेडियास को बचपन में ही ठीक करना बेहतर होता है, लेकिन कई युवा और वयस्क पुरुष
ऐसे हैं जिनका बचपन में इलाज नहीं हुआ या इलाज असफल रहा।
वयस्क हाइपोस्पेडियास सर्जरी में:
जटिलता ज्यादा होती है,
ऊतक की कमी हो सकती है,
कई बार दो चरणों में सर्जरी करनी पड़ती है।
फिर भी, भारत में प्रशिक्षित सर्जनों द्वारा यह सर्जरी सफलतापूर्वक की जाती है।
असफल हाइपोस्पेडियास सर्जरी (Failed Hypospadias Surgery)
पहले किए गए इलाज के असफल होने की वजह से कई मरीजों को दोबारा सर्जरी की जरूरत होती है। इसे
Re-do Hypospadias Surgery कहा जाता है।
सामान्य समस्याएं:
फिस्टुला (Fistula) – जहां से पेशाब रिसता है
स्टेनोसिस (Stenosis) – मूत्रमार्ग का संकरा हो जाना
पेशाब में जलन या रुकावट
इस स्थिति में विशेषज्ञ और अनुभवी यूरोलॉजिस्ट से ही सर्जरी कराना जरूरी है।
हाइपोस्पेडियास का इलाज न करवाने पर क्या हो सकता है?
यदि हाइपोस्पेडियास को अनदेखा किया जाए, तो आगे चलकर कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं:
पेशाब करते समय छिड़काव या दिशा बदलना
संभोग के समय कठिनाई
गर्भधारण में बाधा (Infertility)
सामाजिक शर्मिंदगी और मानसिक अवसाद
हाइपोस्पेडियास सर्जरी के लाभ
1. सामान्य पेशाब की प्रक्रिया: मूत्रधारा का सीधा प्रवाह
2. सौंदर्यपूर्ण सुधार: लिंग का सामान्य और संतुलित स्वरूप
3. सामाजिक और मानसिक आत्मविश्वास: विशेष रूप से किशोरावस्था और वयस्कता में
4. भविष्य में यौन जीवन बेहतर बनाना
पीनाइल इंप्लांट सर्जरी के फायदे (Penile Implant in Complex Cases)
कुछ जटिल मामलों में, जहां हाइपोस्पेडियास के साथ लिंग का कठोर होना या यौन क्रिया संभव नहीं हो
पाती, वहां पीनाइल इंप्लांट सर्जरी विकल्प बनती है।
इसके लाभ:
यौन जीवन की गुणवत्ता में सुधार
आत्म-सम्मान की वृद्धि
जटिल हाइपोस्पेडियास के मामलों में अंतिम समाधान
भारत में हाइपोस्पेडियास सर्जरी क्यों कराएं?
1. विशेषज्ञ डॉक्टर:
दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, जयपुर, लुधियाना जैसे शहरों में विश्वस्तरीय सर्जन उपलब्ध हैं।
2. कम खर्च में इलाज:
भारत में यह सर्जरी अमेरिका या यूरोप की तुलना में 70–80% तक सस्ती है।
3. उन्नत तकनीक:
TIP (Tubularized Incised Plate), Onlay flap, और staged repair जैसी आधुनिक तकनीकों का
प्रयोग।
4. विदेशी मरीजों के लिए मेडिकल वीज़ा और सहूलियतें:
दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय मरीजों के लिए विशेष चिकित्सा पैकेज और अनुवादक सेवा।
निष्कर्ष
हाइपोस्पेडियास एक जटिल लेकिन पूरी तरह से उपचार योग्य स्थिति है, बशर्ते इसका इलाज सही उम्र में,
सही डॉक्टर और सही तकनीक से किया जाए।
12 से 18 महीने की उम्र हाइपोस्पेडियास सर्जरी के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। वयस्कों और
असफल सर्जरी के मामलों में विशेषज्ञ इलाज आवश्यक है। दिल्ली में अब विश्वस्तरीय इलाज उपलब्ध है।
अगर आपके बच्चे में हाइपोस्पेडियास के लक्षण हैं या आप स्वयं इसका इलाज चाहते हैं, तो अनुभवी
यूरोलॉजिस्ट से परामर्श अवश्य लें।